देवों के देव महादेव व पार्वती की मिलन की रात महाशिवरात्रि आज, भोले भंडारी की विशेष पूजा के लिए शहर से लेकर गांव तक शिवालय सज-धजकर तैयार, चार पहर होगी भोले भंडारी की पूजा

 

देवों के देव महादेव व पार्वती की मिलन की रात महाशिवरात्रि शुक्रवार आठ मार्च को है। भोले भंडारी की विशेष पूजा के लिए शहर से लेकर गांव तक शिवालय सज-धजकर तैयार हैं। कई जगहों पर भगवान शिव की बारात गाजे-बाजे के साथ निकाली जाएगी। खास यह कि इसबार महाशिव रात्रि पर शुक्रवार व पंचक महायोग का शुभ मिलन हो रहा है। साथ ही शिव योग, धूम योग, अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री बताते हैं कि शिवरात्रि प्रत्येक माह में आती है। जबकि, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि ‘महाशिवरात्रि कहलाती है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को रात्रि में भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान ‘लिंग रूप में प्रकट हुए थे। यह व्रत प्रदोष व्यापिनी मध्यरात्रि में किया जाता है।

महाशिवरात्रि के मौके पर औघड़दानी की रात में चार पहर पूजा करने का विधान है। इसी रात्रि को रुद्राष्टाध्यायी का पाठ, रुद्राभिषेक, रुद्री का पाठ, सप्तशती का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में पहर का अर्थ है समय से है। 24 घंटे में आठ पहर होते हैं। एक पहर तीन घंटे या साढ़े सात घड़ी का होता है। दिन में चार पहर होते हैं। इनमें पूर्वाह्न, मध्याह्न, अपराह्न और सांय काल। जबकि, रात में भी चार पहर होते हैं। ये प्रदोष, निशिथ, त्रियामा और उषा कहलाते हैं।

साल के दिन रात्रियों का विशेष महत्व है। पहला कालरात्रि, दूसरा महारात्रि और तीसरा महोरात्रि। दीपावली और होली की रात्रि को कालरात्रि तथा शिवरात्रि को महारात्रि कहा जाता है। नवरात्र में अष्टमी की रात्रि को महोरात्रि माना गया है। इन तीन महारात्रियां पूजा, अनुष्ठान एवं साधना के लिए प्रमुख मानी गयी हैं।

इस बार चार पहर का शुभ समय

पहला पहर (रात्रि)- शाम 6.13 से रात्रि 9.24 तक

दूसरा पहर (रात्रि)- रात्रि 9.24 से 12.38 तक

तीसरा पहर (रात्रि)- रात्रि 12.38 से 3.46 तक

चतुर्थ पहर (रात्रि)- 3.46 से 6.20 तक

पूजा का पारण(सुबह)- 9 मार्च को प्रात: 6.10 के बाद।

चार प्रहर पूजा का अभिषेक का विधि :

1.प्रथम पहर में दूध का अभिषेक। मंत्र :- ऊं हीं ईशान्य नम:

2. द्वितीय पहर में दही से अभिषेक। मंत्र :- ऊं हीं अधोराय नाम

3. तृतीय पहर में घीव से अभिषेक। मंत्र :- ऊं हीं वाम केवाच नम:

4. चतुर्थ पहर में शहद से अभिषेक। मंत्र :- ऊं हीं सद्योजातय नम:

पर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे पर फॉलो करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *