‘एक था गधा उर्फ अलादाद खां’ नाटक का मंचन, कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार, शिक्षाविद मधुराका सक्सेना ने की

रुड़की । शरद जोशी के द्वारा लिखा हुआ ‘एक था गधा उर्फ अलादाद खां’ नाटक का मंचन आईआईटी ऑडिटोरियम अर्थक्वेक डिपार्टमेंट में हुए,जिसमें रंगमंच के माध्यम से रुड़की की छुपी हुई प्रतिभाओं को नाट्य कला के रूप में सामने लाने का प्रयास संस्था की ओर से किया गया। नाट्य कला का उद्घाटन रुड़की के मेयर गौरव गोयल ने दीप प्रज्वलित किया। उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमें इस आधुनिक दौर में नाट्य संस्था को बढ़ावा देकर अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा। नाटक की कहानी समाज में फैली कुरीतियों को हास्य के रूप में प्रस्तुत करती है तथा नाट्य कला में मंचन करने वाले कलाकारों को कड़ी मेहनत करते संस्था की ओर से उनमें जो प्रतिभा को निखारने का काम किया जाता है वह सराहनीय तो है ही,बल्कि इससे प्रतिभावान युवाओं को अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ने का भी अवसर प्राप्त होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रुड़की की जानी मानी साहित्यकार,शिक्षाविद एवं समाजसेवी श्रीमती मधुराका सक्सेना ने की। समाज सेविका मनीषा बत्रा,चंद्रकांत भट्ट सहायक नगर आयुक्त,राजेश शाह प्रभारी गांगनहर कोतवाली सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।नाटक की निर्देशिका श्रीमती सरुनिका बंसल शर्मा अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।नाटक में कलाकारों नीरज नैथानी,पंकज त्यागी, लक्ष्मी मित्तल,निधि जैन, निधि गोयल,उदित त्यागी,सारिका गर्ग,रितु तोमर,दीपा तोमर,वासु अग्रवाल,हिमांशु सैनी, अक्षय सैनी,झलक जैन, अक्षय चौहान,आंचल के अलावा बाल कलाकारों नव्या सिंघल,अतिशय जैन, योशिता अग्रवाल,वीरेंद्र त्यागी,अलीशा अगस्त्य पार्श्वगायक आदित्य सक्सेना और निशा सक्सेना आदि ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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