शिकायत पर चकबंदी अधिकारियों से मांगा जवाब मांगा, प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद भी जमे हुए हैं यूके में

रुड़की । अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीके मिश्रा ने चकबंदी अधिकारियों से एक शिकायत के संबंध में जवाब मांगा है। जिसमें कहा गया है कि जगजीवन राम पुत्र समय सिंह निवासी हजारीबाग कनखल के द्वारा शिकायत की गई है कि जिला बंदोबस्त अधिकारी और कई चकबंदी अधिकारी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद भी काम कर रहे हैं ।शिकायतकर्ता ने बताया है कि प्रदीप गर्ग ,धर्मेंद्र कुमार ,सदनलाल ,सुनील कुमार सुनील और सहायक बंदोबस्त अधिकारी दीवान सिंह नेगी उत्तराखंड में प्रतिनियुक्ति पर आए हुए हैं । जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि कई वर्ष पहले समाप्त हो गई है ।लेकिन इन अधिकारियों के द्वारा न तो अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़वाई गई और न ही यहां से वह अपने नियुक्ति राज्य यूपी में गए हैं। सभी अधिकारी नियम विरुद्ध आदेश कर रहे हैं। जबकि प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद इन्हें यहां पर एक दिन भी ड्यूटी पर बने रहने का अधिकार नहीं है। लेकिन यह अन्य सरकारी कामकाज करने के साथ-साथ चकबंदी कोर्ट में आदेश भी कर रहे हैं जो कि नियम विरुद्ध है। शिकायतकर्ता ने बताया है कि इनमें धर्मेंद्र कुमार ,सुनील कुमार अनिल व सदनलाल कंफर्म चकबंदी अधिकारी भी नहीं है। यह सहायक चकबंदी अधिकारी हैं और 89 डे के आधार पर चकबंदी अधिकारी के रूप में काम करते रहे । कहा गया है कि इनके द्वारा काफी समय से 19 डेज के लिए भी राज्य परिषद उत्तराखंड से अनुमोदन नहीं कराया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी प्रशासन/ उपसंचालक चकबंदी हरिद्वार वीके मिश्रा ने इन सभी अधिकारियों से शिकायत के संबंध में जवाब मांगा है। जिससे कि संबंधित चकबंदी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है और वह अपने बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं। बता दें कि इन अधिकारियों में से अधिकतर के खिलाफ कुछ समय पहले एसआईटी ने बेलड़ा गांव में हुए भू घोटाले के संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस की जांच जारी है। जिसके चलते हैं इन अधिकारियों की मुश्किलें अब आकर और बढ़ गई है । क्योंकि उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि काफी समय पहले समाप्त हो गई थी। लेकिन यह अपने तरीके से यहां पर जमे हुए हैं। अब इस संबंध में शिकायत हो गई है और अपर जिलाधिकारी प्रशासन/ उप संचालक चकबंदी हरिद्वार के द्वारा संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है । मामला राजस्व परिषद उत्तराखंड को भी पहुंच गया है। माना जा रहा है कि इसी लिए संबंधित अधिकारी कई दिनों से कोर्ट में भी नहीं बैठ रहे हैं। शिकायतकर्ता ने साफ कहा है कि वह इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद भी यह अधिकारी यहां पर नियम विरूद्ध कैसे जमे हुए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यहां पर सहायक चकबंदी अधिकारियों को ही 89 डेज की व्यवस्था के आधार पर इन सहायक चकबंदी सीओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन इसमें नियमानुसार राजस्व परिषद बोर्ड से अनुमोदन लेना होता है। तब जाकर यह व्यवस्था बरकरार रहती है । लेकिन काफी समय से ही राजस्व परिषद बोर्ड से भी अनुमोदन नहीं कराया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share