बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति झबरेड़ा की लाखों की लूट के मामले में एडीओ कोऑपरेटिव नारसन निलंबित, रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड के द्वारा की गई सख्त कार्रवाई, समिति के प्रभारी सचिव भी जल्द निलंबित होंगे
रुड़की । बहुउद्देश्यीय किसान सेवा सहकारी समिति झबरेड़ा में पिछले दिनों हुई लाखों की लूट की घटना को रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड के द्वारा गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने इस पूरे मामले में एडीओ कोऑपरेटिव नारसन महेंद्र सिंह की भी लापरवाही मानी है। उनके द्वारा विभिन्न स्तरों से कराई गई जांच और संबंधित अधिकारियों से आई रिपोर्ट में पाया है कि एडीओ कोऑपरेटिव महेंद्र सिंह ने सहकारी समिति का नियमित रूप से निरीक्षण नहीं किया है। जिस कारण सहकारी समिति पर धन संग्रह होता रहा। जो 24 घंटे के भीतर बैंक में जमा होना था वह समिति के कर्मचारियों द्वारा जमा नहीं किया गया। पाया गया कि एडीओ कोऑपरेटिव नारसन के द्वारा पिछले वित्त वर्ष में मात्र एक बार समिति का निरीक्षण किया गया और इस वित्त वर्ष में अभी तक एक बार भी समिति कार्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया है। जिस कारण कर्मचारियों को धन संग्रह करने का अवसर मिला और उन्होंने लूट की योजना बना डाली। रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड बीएम मिश्र ने एडीओ कोऑपरेटिव महेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच भी बैठा दी है। क्योंकि किसी भी एडीओ कोऑपरेटिव को अपने ब्लॉक क्षेत्र की समितियों का नियमित रूप से निरीक्षण करना होता है । ताकि समिति स्तर पर कोई वित्तीय अनुशासनहीनता न हो । वही रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड बीएम मिश्र के द्वारा जिला सहायक निबंधक हरिद्वार को किसान सेवा सहकारी समिति झबरेड़ा के प्रभारी सचिव को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जिला सहायक निबंधक को निर्देशित किया है कि वह समिति बोर्ड से समिति के प्रभारी सचिव तलवार सिंह को निलंबित करने की कार्रवाई जल्द पूरी कराए। की गई कार्रवाई से रजिस्ट्रार कार्यालय को अवगत कराया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि किसान सेवा सहकारी समिति झबरेड़ा के 22 लाख से अधिक की लूट के मामले में शामिल रहे समिति कर्मचारियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई भी लगभग पूरी हो गई है। हालांकि समिति कर्मचारियों को कुछ सफेदपोश नेता जो कि सहकारी बैंक की राजनीति में सक्रिय है। वह उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड के कड़े रुख के चलते संबंधित कर्मचारियों की बर्खास्तगी तय है।