उत्तराखंड में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, कांग्रेसी नेता भी हुए शामिल, कहा कानून वापस लेने पर ही आंदोलन समाप्त होगा, अबकी बार आरपार की लड़ाई

देहरादून । कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारे लगाए। किसानों ने कहा कि कानून वापस लेने पर ही आंदोलन समाप्त होगा। अबकी बार आरपार की लड़ाई है। उत्तराखंड के किसानों ने ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में ट्रैक्टर रैली निकाली। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी शिरकत की। इसके पहले किसान संगठनों द्वारा एक सभा भी आयोजित की गई। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और हरीश रावत सहित अन्य कांग्रेस नेता मौजूद रहे। इसके बाद किसान रैली निकाली गई। जिसमें ऊधमसिंह नगर जिले के किसान मौजूद रहे। क्षेत्रभर से किसान अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर मंडी समिति परिसर पहुंचे। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार जिद पर अड़ी है लेकिन किसान भी कानूनों को वापस लेने पर ही अड़ा है। कानून वापस नहीं लिए गए तो भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर गणतंत्र दिवस की परेड में किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचेंगे। किसानों ने कृषि कानूनों का जोरदार विरोध किया। इस दौरान ‘फसलां दे फैसले किसान करूगा…’ (फसलों का फैसला किसान करेगा…) गीत से एकता और ताकत का एहसास कराया। साथ ही ‘हां मैं किसान हूं, इसलिए मैं परेशान हूं…’ और ‘किसान विरोधी काले कानून वापस लो’ के स्लोगन लिखे पोस्टर और झंडों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने बताया कि रैली में शामिल होने के लिए जिले से सैकड़ों किसान पहुंचे हैं। किसान रैली में अब महिला किसान भी बड़ी संख्या में पहुंचने लगी हैं। मातृ शक्ति के पहुंचने से किसान आंदोलन को ताकत मिली है। आम जनता भी आंदोलन का समर्थन कर रही है। वहां गुरसेवक सिंह, गुरनाम सिंह, गगन सिंह, संतोख सिंह, हरपाल सिंह, सुखवीर सिंह समेत जिले के सैकड़ों किसान थे।

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