अशासकीय महाविद्यालयों को अनुदान जारी रखा जाए: प्रदीप बत्रा, रुड़की शहर विधायक ने विधानसभा में उठाया यह मामला, पशु अस्पतालों की मांग भी उठाई
देहरादून । रुड़की शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने अशासकीय विद्यालयों को अनुदान जारी रखने की पुरजोर मांग की है। उनके द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा विशेष रूप से उठाया गया है। रुड़की शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन को अवगत करा है कि राज्य के 18 अशासकीय महाविद्यालयों को राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में चैप्टर एक्स1- ए को हटा दिया गया है जिस कारण राज्य के सभी 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षको एवं कर्मचारियों के साथ- साथ विद्यार्थियों के हितो की भी उपेक्षा की गई है। महोदय कृपया अवगत होना चाहें कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2001 में यह व्यवस्था है कि राज्य में आने वाले समस्त संस्थानों के हितो तथा उनके कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले वेतन व पेंशन आदि को उसी रूप में संरक्षित किया जाएगा । जैसा कि उन्हें राज्य बनने से पूर्व (उ0प्र0) में प्राप्त हो रहा था। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में चैप्टर एक्स 1- ए को हटाने से उक्त संस्थानों में कार्यरत सभी शिक्षको एंव कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में लटक गया है। जिस कारण सभी को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विधायक ने कहा है कि जनहित में उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में चैप्टर एक्स1- ए को पुनः संशोधित कर उक्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षको एंव कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु यथावत सतत अनुदान सहायता प्रदान की जाए।
रुड़की शहर विधायक ने प्रदीप बत्रा ने इसके अलावा जनपद हरिद्वार में पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सालय खोले जाने एवं पशु सेवा केन्द्रों को उच्चीकृत किये जाने की मांग भी उठाई है। रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन को अवगत कराया है कि जनपद हरिद्वार में कृषि एवं पशुपालन किसानों एवं ग्रामीणो की आय का मुख्य स्रोत है परन्तु इसके सन्दर्भ में आपको अवगत कराना है कि पुरे जनपद में लगभग 4.50 लाख पशुधन है। जिनके उपचार आदि के लिए केवल 16 पशु चिकित्सालय वर्तमान में है। जबकि भारत सरकार के मानकों के अनुसार 5-7 हजार पशुधन पर एक पशु चिकित्सालय होना चाहिए। जनपद हरिद्वार में लगभग 1 पशु चिकित्सालय पर लगभग 29 हजार पशुधन की चिकित्सा एवं टिकाकरण का लक्ष्य है। जिस कारण पशुपालक को सुविधा उपलब्ध कराने में अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पर्याप्त पशु चिकित्सालय न होने के कारण क्षेत्र में झोलाछापा व्यक्तियों के द्वारा अवैध रूप से कार्य किया जा रहा है। इससे पशुधन को तमाम समस्या जैसे बाझपन आदि का प्रकोप प्रतिदिन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा है कि जनहित में कृषको एवं पशुपालको की समस्याओं को देखते हुए जनपद हरिद्वार में भारत सरकार के मानको के अनुसार नये पशु चिकित्सालयों को खोले जाएं और पशु सेवा केन्द्रो को उच्चीकृत किया जाए ।