तेजी से बढेंगे धान के कल्ले, ज्यादा पैदावार के लिए धान की फसल में किसान करें ये काम, पढ़िए पूरी खबर….

धान की फसल खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है, और भारतीय किसानों द्वारा इसके उत्पादन में अधिकतम मात्रा में जुटाई जाती है। धान के कल्ले फूटने से पहले किसानों को इस फसल को देखभाल करने व उत्पादकता को बढ़ाने के तरीकों का ध्यान रखना चाहिए। इस लेख में हम आपको धान के कल्ले बढ़ाने की दवा व तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे।

धान के कल्ले बढ़ाने के लिए जरूरी तकनीकें

उचित पोषण: धान की रोपाई के बाद 20-30 दिन के अंदर कल्ले फूटने शुरू हो जाते हैं। इस समय में फसल को अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आपको प्रति एकड़ में 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक की मात्रा डालनी चाहिए।

समयबद्ध खेती: धान की रोपाई के बाद खेत को सूखा रखना महत्वपूर्ण है। कम से कम 10-15 दिनों के बाद ही खेत में पाटा लगाना शुरू करें। इससे पौधे में छोटी व हल्की जड़ें तेजी से विकसित होती हैं। दूसरे पाटे को उल्टी दिशा में लगाने से सुंडी कीड़े और रोगों का नाश होता है।

धान के कल्ले बढ़ाने वाली दवाएं

खरपतवारनाशी के लिए 2-4D: धान के खेत में 2-4D का इस्तेमाल खरपतवार से छुटकारा पाने में मदद करता है।

पेंडीमेखली 30 ई.सी 3.5: धान की रोपाई के बाद 3-4 दिन में पेंडीमेखली 30 ई.सी 3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से दें। इस दवा को 800-900 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें। यह दवा फसल की गुड़ाई का काम करती है और धान के कल्ले बढ़ाने में मदद करती है।

समाप्ति रूप में, धान के कल्ले बढ़ाने के लिए सही तकनीकों का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। उचित पोषण और समयबद्ध खेती के साथ-साथ उपयुक्त दवाओं का भी इस्तेमाल करके आप अधिक मात्रा में धान के कल्ले प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान दें कि दवाओं का सही अनुपात और मात्रा में इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है, ताकि फसल पर कोई हानि नहीं हो।

धान के कल्ले बढ़ाने की दवा व तकनीकों का अच्छा इस्तेमाल करके, आप अपनी फसल की उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप खुद एक किसान हैं, तो उपरोक्त सुझावों को अपने खेती के काम में शामिल करके अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share