शिक्षानगरी में सादगी और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाई गई ईद, घरों में ही अदा की ईद की नमाज, जनप्रतिनिधियों ने फोन पर दी लोगों को ईद की मुबारकबाद
रुड़की । ईद-उल-फितर का त्योहार नगर और आसपास के क्षेत्र में सादगी और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ मनाया गया। ईद की नमाज अदा कर शांति और कोरोना महामारी खत्म करने की दुआ की गई। रुड़की ईदगाह और बड़ी जामा मस्जिद में ईद के मौके पर करीब 10 हजार लोग ईद की सामूहिक नमाज अदा किया करते थे। इस बार ईद की नमाज केवल ईदगाह और मस्जिदों में चार-चार लोगों ने ही अदा कर कोरोना से निजात के लिए दुआ की। जनप्रतिनिधियों ने इस बार लॉकडाउन और कोरोना के कारण मोबाइल से ही लोगों को ईद की मुबारकबाद दी। सर्वधर्म त्योहार कमेटी के संयोजक अफजल मंगलौर, मदरसा रहमानिया के सदर मौलाना अरशद ने कहा कि ये खुशी की बात है कि मुस्लिम समाज ने सरकार, पुलिस प्रशासन और धार्मिक संस्थानों की अपील पर अमल करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन पर पूरी तरह अमल करते हुए ईद और जुमे की नमाज में अनुशासन व नियमों का पालन किया। ईदगाह में मुफ्ती सलीम, जामा मस्जिद में मौलाना कारी कलीम, मुफ्ती तौकीर, मौलाना अरशद, सफर मैना मस्जिद में सूबेदार कारी रागिबुल्लाह, आईआईटी मस्जिद में कारी अरशद, पठानपुरा मस्जिद में मुफ्ती आदिल, मौलाना तौकीर, नूर मस्जिद में कारी सरफराज, मदीना मस्जिद में हाफिज इफ्तेखार, साबरी मस्जिद में कारी शाकिर, शेख बेंचा मस्जिद में कारी यूसुफ, ईदगाह मस्जिद मे कारी शौकत, मरकज मस्जिद बिलाल मच्छी मोहल्ला में कारी अशरफ, आजाद नगर मस्जिद में कारी शाहनवाज, गफुरिया मस्जिद में कारी मजाहिर, मलकपुर चुंगी मस्जिद में कारी सदाकत, शेखपुरी मस्जिद में मौलाना तौसीफ ने और भारत नगर मस्जिद में मौलवी यूनुस ने नमाज पढ़ाई। अकीदतमंदों ने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा की। 000नहीं मिल पाए गलेइस बार ईद पर लोग एक दूसरे से गले भी नहीं मिल पाए। परिचितों के यहां जाकर शीर व सिंवाइयां खाने से भी महरूम रहे। युवाओं की टोलियां गली कूचे में चहलकदमी नहीं कर पाई। कोरोना को देखते हुए पहले ही मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपील की थी कि ईद की नमाज घर पर ही पढ़ें। लोगों ने घर पर ही नमाज पढ़ी।