सहारनपुर के शहद की विदेश में चर्चा, आस्ट्रेलिया से मिला आर्डर, 5 हजार से ज्यादा लोग करते हैं मधुमक्खी पालन
सहारनपुर । काष्ठ हस्तशिल्प और आम के साथ ही यूपी के सहारनपुर जनपद का शहद भी दुनिया भर में पसंद किया जाने लगा है। विश्व के कई देशों में सहारनपुर से शहद का निर्यात हो रहा है। गंगोह के एक मधुमक्खी पालक और निर्यातक को आस्ट्रेलिया से 44 हजार किलो शहद और दस हजार किलो मोम का आर्डर मिला है। इसमें से शहद की करीब आधी मात्रा आस्ट्रेलिया भेजी जा चुकी है।
सहारनपुर जिले का मधुमक्खी पालन में यूपी में प्रमुख स्थान है। यहां पर साढे़ पांच हजार से अधिक लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। मौनपालकों के पास सौ से लेकर कई-कई हजार तक मधुमिक्खयों के डिब्बे हैं। मधुमक्खी फरवरी से अप्रैल महीने में सरसों, यूकेलिप्टस, लीची, आम आदि से शहद प्राप्त करती हैं। यहां के मौनपालक इसके बाद मधुमक्खियों के डिब्बों को अलीगढ़ से लेकर राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तराखंड ले जाते हैं। वहां मधुमक्खियां सूरजमुखी, नीम, लाही, सहजन आदि से शहद एकत्र करती हैं। सहारनपुर के मौनपालकों द्वारा प्रतिवर्ष आठ से दस हजार क्विंटल शहद उत्पादन किए जाने का अनुमान है।