2020 का पहला एकादशी व्रत आज, आज के दिन नारायण भगवान की पूजा की जाती है
रुड़की । साल 2020 का पहला एकादशी व्रत 06 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने की वजह से इस एकादशी व्रत को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन नारायण भगवान की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन दान, स्नान और तप करने से पुण्य मिलता है। इस व्रत को करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जान लेते हैं क्या है इस व्रत से जुड़े सभी खास नियम और पूजा की विधि।
पुत्रदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त-
एकादशी तिथि आज पूरा दिन पूरी रात पार करके अगले दिन की भोर 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। पुत्रदा एकादशी व्रत आज किया जाएगा।
इस व्रत को रखने के नियम-
पुत्रदा एकादशी का व्रत दो तरह से रख सकते हैं। पहला- निर्जल व्रत और दूसरा-फलाहारी या जलीय व्रत।
-पुत्रदा एकादशी व्रत का दूसरा नियम यह है कि यह निर्जला व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए।
- पुत्रदा एकादशी व्रत रखने वाले सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए।
- यदि आप संतान प्राप्ति या उससे सम्बन्धी किसी इच्छा को पूरा करने के लिए यह व्रत रखना चाहते हैं तो एकादशी व्रत के दिन भगवान् कृष्ण के बाल रूप और श्री नारायण की उपासना करें।
एकादशी पर भूलकर न करें ये काम-
-सालभर में 24 एकादशी आती हैं। इन सभी 24 एकादशियों में चावल का सेवन करना वर्जित बताया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य का अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है।
-एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना का होता है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए।
-सनातन धर्म में सभी व्रतों में एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए।
-एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए लेकिन शाम के समय सोना नहीं चाहिए।