फैटी लिवर के मरीज भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां, बढ़ सकती है लिवर में सूजन, शराब से परहेज करें, थायराइड और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें

हरिद्वार । शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाये रखने में लिवर अहम भूमिका निभाता है। आजकल तनाव और खान-पान की गलत आदतों की वजह से ज्यादातर लोग फैटी लिवर के शिकार हो रहे हैं। वर्तमान समय में खराब खानपान, मोटापा, कोई फिजिकल एक्टिविटी ना करना और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण फैटी लिवर के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। बता दें की जब लिवर पर वसा की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। लिवर में फैट की अधिकता से सूजन बढ़ जाती है, जिससे इस अंग के डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण की हो या फिर विषैले पदार्थों को दूर करने से लेकर खाना पचाने, ऊर्जा का संचयन करने, पित्त बनाने और कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करना यह सभी काम लिवर ही करता है। फैटी लिवर के मरीजों को पेट के दाहिने हिस्से में दर्द का अनुभव होता है। इसके अलावा हमेशा थका हुआ महसूस करना, भूख ना लगना और जी मिचलाना जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। फैटी लिवर की समस्या को मेडिकल भाषा में हेपेटिक स्टीएटोसिस कहा जाता है।

वजन कम करें: मोटापा बढ़ने के साथ भी यह बीमारी आती है। इसलिए अपना वजन कम करें, यदि आप अधिक वजन वाले हैं (तेजी से वजन कम करने से बचें) डाइट कार्यक्रमों से दूर रहें जो भूखे रहने की सलाह देते हैं। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।

चिकने पदार्थ कम खाएं: चिकनाई से भरपूर आहार लेने से भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। इसलिए अपने आहार में चिकनाई की मात्रा कम करें। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार (सफेद चावल, आलू, सफेद ब्रेड) को खाना कम कर दें। दरअसल ये हमारी आंतों से जल्दी से घुल जाते हैं और लिवर फैट में परिवर्तित हो जाते हैं। जो खाद्य पदार्थ जो धीरे-धीरे घुलते हैं वह हमारे लिए फादेमंद होते हैं। जैसे कि अनाज, दालें, नट्स, सेब और संतरे सहित अनप्रोसेस्ड फल। लेकिन बहुत ज़्यादा फल खाने से बचना चाहिए।

शराब का सेवन बंद करें: जरुरत से ज्यादा शराब पीने वालों में भी फैटी लिवर की समस्या होती है। ऐसे में अगर आप मध्यम या कम मात्रा में शराब पीने वाले हैं, तब भी शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा फ्रुक्टोज से भरपूर कई जूस और कार्बोनेटेड पेय पीने से भी बचना चाहिए।

वार्षिक जांच कराएं: हर साल अपने लिवर एंजाइम, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करें। अगर आपको उच्च रक्तचाप और डायबिटीज है, इसका इलाज करें। अल्ट्रासाउंड स्कैन लिवर में फैट दिखा सकती है , जब लिवर का ब्लड टेस्ट सामान्य नहीं हो। कुछ नए परीक्षण “फाइब्रोस्कैन” और “फाइब्रोटेस्ट” के रूप में जाने जाते हैं जो अधिक विश्वसनीय माने जाते हैं।

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