फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर देहरादून में दो युवक पानी की टंकी पर चढ़े, जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही परीक्षा पर लिया जाएगा निर्णय, निरस्त हुई तो लंबी कानूनी प्रक्रिया में फंस जाएगी भर्ती
देहरादून । फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा को निरस्त करने की मांग को लेकर देहरादून में दो युवक पानी की टंकी पर चढ़ गए। युवकों का नाम बॉबी पंवार और पीसी भट्ट बताया जा रहा है। मौके पर एसपी सिटी, एसडीआरएफ सहित कई थानों की पुलिस भी मौजूद है। युवकों की मांग है कि जब तक फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा को निरस्त नहीं किया जाता, वह टंकी से नहीं उतरेंगे। वहीं प्रदेश में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट अब तक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को नहीं मिली है। आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी के मुताबिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही परीक्षा को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा। अभी परीक्षा को लेकर कोई निर्णय लिया जाना अपरिपक्व निर्णय होगा। आयोग के सचिव ने कहा कि उत्तराखंड बेरोजगार संगठन की ओर से फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा को निरस्त करने की मांग की जा रही है। इस मांग को लेकर हाल में कुछ उम्मीदवारों ने आयोग के कार्यालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि परीक्षा में पेपर लीक होने की पुष्टि हो चुकी है। परीक्षा को निरस्त किया जाए। जबकि इससे पहले कुछ उम्मीदवारों ने आयोग कार्यालय में आकर परीक्षा निरस्त न करने का अनुरोध किया है। इन उम्मीदवारों का कहना है कि इस मामले की जांच कराकर परिणाम घोषित किया जाए। आयोग के सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती परीक्षाओं को निरस्त करने के संबंध में यह सिद्धांत दिया है कि भर्ती निरस्त करने का निर्णय युक्ति युक्त होना चाहिए। जिसे गड़बड़ी के परिणाम के आधार पर किया जाना चाहिए। आयोग के सचिव ने कहा कि आयोग को अब तक परीक्षा में गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही आयोग इस मामले में कोई निर्णय ले सकेगा। कुछ संगठन के प्रतिनिधियों ने परीक्षा निरस्त कराकर 100 दिन में फिर से परीक्षा कराने की मांग की है। सचिव ने कहा कि एक अपरिपक्व निर्णय लेकर यदि परीक्षा निरस्त भी कर दी जाए, तो इस निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। परीक्षा निरस्त हुई तो लंबी कानूनी प्रक्रिया में फंस सकती है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सभी उम्मीदवारों से कहा है कि इस मामले की जांच चल रही है। सभी उम्मीदवार जांच के बाद आयोग के निर्णय का इंतजार करें। परीक्षा निरस्त कराने के लिए धरना या विरोध प्रदर्शन करना ठीक नहीं है। उचित समय पर आयोग इस मामले में खुद निर्णय लेगा।