एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन, कहा बिना परीक्षा करवाए छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने की मांग की
रुड़की । बिना परीक्षा करवाये छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने एवं अन्य मांगों को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं व छात्र-छात्राओं ने सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध जताया। रुड़की डीएवी डिग्री कॉलेज के बाहर धरना प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई जिला अध्यक्ष सचिन चौधरी ने उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र छात्रों को परीक्षा के बिना ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाए पाठ्यक्रम के लिए छूटी हुई अतिरिक्त कक्षाएं महाविद्यालय को खोलने के के बाद संचालित की जाए। साथ ही अंतिम वर्ष के छात्र छात्रों को 10% अतिरिक्त अंकों के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत किया जाए। चूंकि कहा कि यह देखा जाता कि छात्र-छात्राओं को अंतिम वर्ष में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं।, वर्तमान समय की परिस्थितियों को देखते हुए एक सेमेस्टर का शुल्क माफ करना चाहिए। बिना वे बुनियादी ढांचे में कनेक्टिविटी के अत्यधिक समस्या को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा नहीं करवानी चाहिए।उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण काल में स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों को बिना परीक्षा किये ही प्रमोट किया जाए। कहा कि इस समय परीक्षाएं करवाकर उत्तराखंड सरकार उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है जब देश में संसद व विधानसभा व अधिकतर सरकारी संस्थाएं बंद है ऐसे में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री छात्र छात्राओं को इस खतरनाक बीमारी के चलते मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहे हैं। छात्र संघ के अध्यक्ष विजय त्यागी ने कहा कि वर्तमान में लगातार प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है ऐसे में महाविद्यालय कब खुलना संभव नहीं है। क्योंकि प्रदेश में अन्य महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र दुर्गम क्षेत्रों से आते हैं। साथ ही उत्तराखंड हरिद्वार जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर व मुजफ्फरनगर जिले से लगी हुई है जिसके चलते कई छात्र-छात्राएं यहां पर अपनी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। ऐसी महामारी में बेवजह इस खतरनाक संक्रमण का सामना करना पड़ेगा। छात्र नेता हर्ष चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री देश के भविष्य निर्माता छात्र की जान जोखिम में डालकर अगर परीक्षा करा रही है यदि परीक्षा के दौरान कोई घटना घटित होती है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र छात्रों को परीक्षा के बिना ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाए पाठ्यक्रम के लिए छूटी हुई अतिरिक्त कक्षाएं महाविद्यालय को खोलने के के बाद संचालित की जाए। साथ ही अंतिम वर्ष के छात्र छात्रों को 10% अतिरिक्त अंकों के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत किया जाए। चूंकि कहा कि यह देखा जाता कि छात्र-छात्राओं को अंतिम वर्ष में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं।, वर्तमान समय की परिस्थितियों को देखते हुए एक सेमेस्टर का शुल्क माफ करना चाहिए। बिना वे बुनियादी ढांचे में कनेक्टिविटी के अत्यधिक समस्या को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा नहीं करवानी चाहिए। धरना प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं में हर्ष त्यागी हर्ष चौधरी, निशांत चौधरी, क्राइम भारत त्यागी, कार्तिक चौधरी, श्रीकांत, रोबिन चौधरी, सुजल, प्रदुमन, सागर रोड,दिवांशु आदि कार्यकर्ता एवं छात्र उपस्थित रहे।