वैक्टर जनित रोग डेंगू के नियन्त्रण को लेकर जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने ली बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश, जिलाधिकारी ने कहा डेंगू पनपने और फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता
हरिद्वार । वैक्टर जनित रोग डेंगू के नियन्त्रण को लेकर जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने स्वास्थ्य विभाग सहित शिक्षा, बाल विकास, जिला पंचायती राज विभाग एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में बैठक कर डेंगू रोग नियन्त्रण पर नयी रणनीति पर विस्तृत चर्चा करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रशसन तथा स्वास्थ्य विभाग की रणनीति केवल डेंगू नियंत्रण था जबकि इस बार परिदृश्य अलग है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष डेंगू रोग का इलाज करने से ज्यादा डेंगू पनपने और फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता है। कोविड 19 के चलते समस्त संसाधन कोविड नियंत्रण में लगा देने से डेंगू संक्रमण के लिए संसाधनों का अभाव हो सकता है इसलिए जून माह की पहली तारीख से ही स्वास्थ्य और सम्बंधित विभाग जो कोविड 19 के सर्वे कार्यो को कर रहे हैं वह सभी टीम कंटेनमेंट जोन में कोविड के साथ-साथ निर्धारित प्रारूप पर डेंगू सर्वे भी आरम्भ करेंगी। सर्वे कार्मिकों को अवशेष 04 दिन की अवधि पर इस पर आंतरिक योजना बना कर 01 जून से कार्य अनिवार्य रूप से शुरू करना है। पिछले वर्ष अधिकांश पोजिटिव संख्या वाले क्षेत्रों में अभी से छिड़काव, साफ-सफाई, डेंगू संभावित किसी भी उपकरण, बर्तन आदि को हटाने का तथा जनजागरूकता के कार्य शुरू कर दें। इस बार किसी भी कर्मी की डेंगू कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा सक्रियाता से डेंगू रोकथाम पर कार्य करना है। किसी भी संदिग्ध को एलाइजा टेस्ट में शामिल किया जाये। रोग फैलाने वाले मादा ऐडीज मच्छर के माह जुलाई से पनपने की सम्भावना के मद्देनजर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार सम्बन्धी अधिकांश जागरुकता कार्यक्रमों की शुरूआत जून से से करली जाये। डेंगू सर्वे को अपनी सुरक्षा करते हुए पूरी सतर्कता से किया जाये। लोगों को जागरुक करने के लिए बैठकों से बचें और सोशल मीडिया के माध्यम से हर स्तर पर प्रचार प्रसार करें। जिलाधिकारी ने सभी सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों, बस अड्डों के प्रबन्धकों को सफाई व्यवस्था रखने एवं डेगंू रोग से बचाव सम्बन्धी उपायों को अपनाये जाने के निर्देश जारी किये हैं। साथ ही उन्होंनें जनपद में स्थापित चिकित्सालयों, शिक्षण संस्थानों, होटलों, धार्मिक प्रतिष्ठानों, धर्मशालाओं, कूड़ा गोदामों एवं औद्योगिक आस्थानांे के प्रबन्धकों/स्वामियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी-अपनी संस्थाओं में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखते हुए यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगें कि उनके द्वारा अपने संस्थानों/आस्थानों में खुले बर्तनों, टायरों, बोतलों, गमलों, कूलरों आदि में पानी जमा नहीं रहने दिया जाता हैं और इन खुले बर्तनों को टिनशेड या गोदामों में सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है तथा उनके संस्थान में डेंगू रोग से बचाव हेतु सभी उपाय अपनाये जा रहे हैं। यह प्रमाण पत्र प्रत्येक कार्यालयध्यक्ष को हर 15 दिन में जिलाधिकारी देना होगा। उन्होंने जनपद में स्थापित औद्योगिक आस्थानों को डेंगू रोग को लेकर विशेष तौर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं क्योंकि गत वर्ष नगर हरिद्वार क औद्योगकि क्षेत्र रोशनाबाद एवं आसपास के क्षेत्र में विषेष सर्तकता बरतेंगे। जिलाधिकारी ने स्कूल-काॅलेजों की कक्षाऐं आॅनलाइन संचालित की जा रही हैं इन सभी विद्यालयों को डेंगू से बचाव व सुरक्षा उपयों की जानकारी विडियो भी छात्रों तक आॅनलाइन पहुंचाने के लिए उपलब्ध करवा दी जायें। ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विकास एवं पंचायती राज विभाग को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ0 गुरनाम सिंह ने बताया कि डेंगू रोग का वाहक मादा एडीज मच्छर है जो ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है और इसके घरों के अन्दर व घरों के आसपास पनपने की सम्भाना सर्वाधिक रहती है। उन्होंने जनता से कहा है कि यदि किसी व्यक्ति में डेंगू रोग के लक्षण दिखाई दें तो वे तुरन्त ही जनपद में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला अस्पताल में जांच करवाये जाने हेतु पहुंचे। डीएम ने कोविड 19 के चलते स्थित मेला अस्पताल में स्थापित एलाइजा रीडर मशीन को भी जिला अस्पताल में स्थानंतरित किये जाने तथा रूड़की संयुक्त चिकित्सालय में एक और एलाइजा रीडर स्थापित किये जाने के निर्देश दिये। जिससे डेंगू रोग जांच की निःशुल्क व्यवस्था शहरी एवं ग्रामीण दोनो क्षेत्रों में चलती रहे।