दुनिया की सबसे छोटी गाय है ये, औषधीय गुणों से भरपूर होता है दूध, जानिए इस गाय की कीमत

 

दुनिया की सबसे छोटी गाय ‘पुंगनूर’ विलुप्त होने के कगार पर है। विलुप्त होने के चलते आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसके संरक्षण का काम चल रहा है. यह गाय अपनी छोटे कद के लिए मशहूर है। जो आमतौर पर भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पाई जाती है। इस नस्ल की उत्पत्ति दक्षिणी भारत के पुंगनूर क्षेत्र में हुई है। ये गाय ज्यादा चारा नहीं खाती और दूध सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके दूध में लगभग 8 प्रतिशत फैट यानी वसा पाया जाता है। मालूम हो कि पुंगनूर नस्ल एक प्राचीन नस्ल की गाय है। ऋषि-मुनि भी इस नस्ल को पालते थे।
इसके अलावा, पुंगनूर नस्ल की गायें प्रतिदिन एक से तीन लीटर दूध देती हैं। साथ ही इनका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में आइए पुंगनूर नस्ल की गाय के बारे में विस्तार से जानते हैं।

पुंगनूर नस्ल के दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाय के दूध में आमतौर पर वसा की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत तक होती है, जबकि पुंगनूर नस्ल के दूध में 8 प्रतिशत वसा होता है।

पुंगनूर गाय की औसत दूध उपज 1-3 लीटर प्रतिदिन होती है. वहीं, यह एक दिन में लगभग 5 किलो चारा खाती है। पुंगनूर गाय की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह नस्ल सूखा प्रतिरोधी होती है। पशुधन जनसंख्या-2013 के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में पुंगनूर गायों की संख्या सिर्फ 2,772 थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में पुंगनूर नस्ल के संरक्षण पर काफी काम हुआ है। वहीं, 2019 में की गई 20वीं पशुधन जनगणना और‍ एनबीएजीआर के मुताबिक, पुंगनूर गायों की संख्या 13275 है। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह देश में सबसे कम संख्या वाली गायों की नस्लों में तीसरे स्थान पर है। अगर सबसे कम संख्या वाली गाय के नस्लों की बात करें तो बेलाही नस्ल की गायों की संख्या सबसे कम 5264 है। दूसरे नंबर पर पणिकुलम गायें है जिनकी संख्या 13934 है।
देश में किसी भी राज्य में पुंगनूर नस्ल की गाय आसानी से रह सकती है। दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों में फिलहाल इसका पालन किया जा रहा है। वहीं, इस गाय की कीमत एक से पांच लाख रुपये तक है। पुंगनूर गाय जितनी छोटी होगी, उतना ही ज्यादा इसका दाम होगा।

पुंगनूर गाय का पीछे का हिस्सा नीचे की ओर झुका हुआ होता है।

• पुंगनूर की पूंछ लंबी जमीन को छूती हुई होती है।

• सींग टेड़े-मेड़े होते हैं और पीठ सपाट होती है।

• ज्यादातर गायों का रंग सफेद होता है।

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