वित्त विभाग में जमा कराएं घोटाले की राशि, कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी पर नहीं लगी रोक
नैनीताल । छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में विभिन्न कॉलेज-संस्थान के प्रबंधकों की ओर से गिरफ्तारी पर रोक की मांग संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कॉलेज के प्रबंधकों को आदेश दिया है कि वे छात्रवृत्ति से संबंधित राशि को सरकार के वित्त विभाग में जमा कराएं। कोर्ट ने वित्त विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि वह इसके लिए अलग से खाता खोले। कोर्ट ने कहा कि जमा की गई धनराशि का निस्तारण संबंधित वाद के भविष्य में दिए जाने वाले आदेश पर निर्भर होगा। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार प्रदेश के 500 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी ने विभिन्न कॉलेज-संस्थान प्रबंधन के खिलाफ संबंधित साक्ष्य जुटाते हुए एफआईआर दर्ज की है। कॉलेज-संस्थानों के प्रबंधकों ने याचिका दायर करते हुए हाईकोर्ट से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान एसआईटी के अध्यक्ष मंजूनाथ टीसी सहित कई पुलिस अधिकारी न्यायालय में उपस्थित हुए। मंजूनाथ टीसी ने कोर्ट में अब तक की गई जांच, एफआईआर व अन्य प्रगति रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कई कॉलेज प्रबंधक घोटाले की धनराशि सरकार को वापस करने को तैयार है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने कॉलेज प्रबंधकों को आदेश दिए कि वे घोटाले की राशि सरकार के वित्त विभाग में जमा कराएं। कोर्ट ने कहा कि मामले का निस्तारण संबंधित वाद के निर्णय के अधीन रहेगा। जानकारी के लिए बता दे कि कुछ कॉलेज संचालकों ने जब हाईकोर्ट की एकल पीठ का यह आदेश आया तो चर्चा यह फैला दी कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। लेकिन गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगी है ।लेकिन इन्हें गबन का पैसा वित्त विभाग में जमा कराने के लिए कहा गया है।