ड्रेनेज सिस्टम सुधारने को चाहिए बड़ा बजट, जब तक ढंडेरा के पानी की निकासी सोलानी नदी में नहीं खुलेगी तब तक नहीं हो पाएगा स्थायी समाधान

रुड़की । ढंडेरा में जलभराव की समस्या काफी गंभीर है। हल्की बारिश से ही यहां के रास्ते पानी से लबालब हो जाते हैं। जिसके बाद यहां का आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है।। अब दो दिन पहले बारिश हुई तो ढंडेरा में जलभराव की समस्या लोगों के लिए सिरदर्द बन गई। ऐसा नहीं है कि ढंडेरा कि जलभराव की समस्या के समाधान के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।। बीच-बीच में प्रयास किए जा रहे हैं । लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा है। दरअसल ढंडेरा का ड्रेनेज सिस्टम सुधारने को बड़े बजट की आवश्यकता है। तभी यहां की समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है। इंजीनियरों की रिपोर्ट में पहले भी यही बात सामने आ चुकी है और अब भी और अब भी इंजीनियरों का यही सुझाव है कि ढंडेरा के पानी की निकासी सोलानी नदी में खोली जाए। यानी कि साउथ सिविल लाइन से शुरू होकर ड्रेनेज प्लान नगला इमरती को सम्मिलित करते हुए बने। ऐसे में ढंडेरा गांव के जिन तालाबों पर पूर्व में अवैध कब्जे किए गए हैं। उनको खाली कराया जाए। पुराने नालों की निकासी खोली जाए। यह काम तहसील और जिला प्रशासन के बस का नहीं है। लोक निर्माण विभाग ,सिंचाई विभाग और हरिद्वार -रुड़की विकास प्राधिकरण भी अपने स्तर से यहां के ड्रेनेज प्लान को फाइनल टच नहीं दे सकता। वजह जो बहुत बड़े बजट की जरूरत है। यानी कि शासन स्तर से ही इस समस्या का समाधान संभव है। यदि ढंडेरा कि जलभराव का समस्या का समाधान निचले स्तर से होता तो ब्लॉक, तहसील और सिंचाई विभाग के अधिकारी यहां की समस्या का समाधान कभी का कर देते। लेकिन तहसील ,ब्लाक, सिंचाई , लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यहां पर फौरी तौर पर पानी की निकासी तो कर देते हैं। लेकिन समस्या के स्थायी समाधान के लिए वह शासन को रिपोर्ट ही भेज सकते हैं। इस बीच एक सवाल भी खड़ा होता है कि यदि यहां का ड्रेनेज प्लान बनेगा तो निश्चित रूप से अवैध कब्जों पर कार्रवाई होगी ।जब अवैध कब्जे पर कार्रवाई होगी तो यहां के लोग विरोध में खड़े हो जाएंगे। जैसा कि पूर्व में कई बार हो चुका है। इंजीनियरों की पूर्व की रिपोर्ट के मुताबिक यहां के ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए ₹700000000 के बजट की आवश्यकता है। जिसमें मुख्य रूप से लक्सर लंढौरा रोड के दोनों ओर दो बड़े नाले बनेंगे। कॉलोनियों ,नई बस्ती ,और पुरानी बस्तियों के पानी की निकासी इन दोनों बड़े नालों में छोटे नालों के जरिए पहुंचेगी। साउथ सिविल लाइन से लेकर ढंडेरा तक दो दर्जन छोटे नालों का निर्माण होगा। इंजीनियर केएम कंसल और इंजीनियर वाईपी सिंह ने बताया कि जब तक यहां का ड्रेनेज प्लान नहीं बनेगा तब तक जलभराव की समस्या ऐसे ही बनी रहेगी। इंजीनियरों का कहना है कि ढंडेरा में एक भी पुराना नाला, मार्ग अपने पुराने आकार में नहीं है। कई नाले तो मात्र कागजों पर ही रह गए हैं। बस्तियों का पानी तालाब तक पहुंचाने और तालाब का पानी यहां से जंगल में पहुंचाने वाले पुराने नाले और नालियां भी मात्र कागजों पर ही हैं। यहां के लोग भी मानते हैं कि जो नई कॉलोनी बनी है। उनमें पानी की निकासी पूरी तरह अवरुद्ध हो गई है। जहां पर कभी खुले खेतों से पानी की निकासी होती थी अब वहां पर भवन बन गए हैं। जिस कारण पानी की निकासी पूरी तरह बंद हो गई है। रेलवे लाइन के दोनों और जो कभी खाई हुआ करती थी और उसने बरसाती पानी बहता था। वह खाई भी अब कहीं दिखाई नहीं पड़ रही है। आज जो लोग हल्की बारिश के बाद ही जलभराव की समस्या से परेशान हो जाते हैं इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि बहुत लोगों ने गहरे खेतों में भवन बना लिए। जो भट्ठों के लिए खुदान हुए थे। वहां पर कॉलोनी विकसित हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share