आज बनेगा नया जिला पंचायत अध्यक्ष, सुभाष वर्मा और बबलू राणा की कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश जारी

हरिद्वार । आज हरिद्वार का नया जिला पंचायत अध्यक्ष बन जाएगा। इसमें सुभाष वर्मा और बबलू राणा की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश जारी है। अब देखना यह है कि इन दोनों में से बाजी किसके हाथ लगेगी। दोनों और ही बड़े दिग्गज लगे हुए हैं। धनबल का पूरा प्रयोग हो रहा है। समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को दोनों खेमों ने ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया है। ताकि क्रॉस वोटिंग की आशंका न रहे । इसके लिए हेल्पर की व्यवस्था भी कराई गई है। मतदान होने से पहले तक दोनों दावेदारों की कोशिश एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी करने की है। हालांकि अब बहुत बड़े प्रयोग के बाद ही कोई जिला पंचायत सदस्य इधर-उधर खिसक सकता है। वरना सभी जिला पंचायत सदस्यों ने किसके पक्ष में मतदान करना है। इसके लिए मन पुख्ता कर लिया है। जिला पंचायत के फिलहाल 46 सदस्य हैं । जिनमें से कविता की सदस्यता हाईकोर्ट के आदेश पर निलंबित चल रही है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में 45 जिला पंचायत सदस्य ही अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। वैसे तो कुछ आशंका ऐसी भी है कि एक 2 सदस्य की सदस्यता पर एनवक्त खतरा हो सकता है। लेकिन अभी तक जो रिपोर्ट मिल रही है उसमें 45 जिला पंचायत सदस्य ही अपना अध्यक्ष चुनेंगे। पूरा चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हो रहा है। क्योंकि कांग्रेस ,भाजपा, बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य दलीय आधार पर समर्थन नहीं कर रहे हैं। सब अपने विवेक से वोट डाल रहे हैं। यह बात अलग है कि सभी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कोशिश से अपने अपने पार्टी के समर्थक जिला पंचायत सदस्यों को एकजुट रखने की हो रही है। पर इसमें बहुजन समाज पार्टी के बहुत सारे सदस्य तो पहले ही कह चुके हैं कि यदि उनकी पार्टी का अध्यक्ष नहीं लड़ता है तो वह अपने मर्जी से मतदान करेंगे। एक ओर से सुभाष वर्मा है तो दूसरी ओर से बबलू राणा है। इनमें बहुजन समाज पार्टी का कोई भी प्रत्याशी नहीं है। जिस कारण बहुजन समाज पार्टी के समर्थक जिला पंचायत सदस्य आधे इधर आधे उधर नजर आ रहे हैं। कांग्रेस का भी कोई प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नहीं है। इसलिए कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य भी कुछ इधर है तो कुछ उधर है। काफी जिला पंचायत सदस्य अपने निजी संबंधों के आधार पर समर्थन कर रहे हैं। मतदान के पहले दिन उच्च स्तरीय जोड़ तोड़ रही। अभी तक जो नेता जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में रुचि नहीं ले रहे थे आज वह भी काफी सक्रिय नजर आए। देखने में आया कि अब तक साथ चल रहे हैं नेता अपने विरोधी नेता को पटखनी देने के लिए काफी भागदौड़ करते रहे। जिले के सभी विधायको ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में काफी दिलचस्पी दिखाई। कुछ ब्लाक प्रमुखों की गाड़ियां भी जिला पंचायत सदस्यों के ठिकानों की तलाश में दौड़ती रही। आज मात्र चार जिला पंचायत सदस्यों के मोबाइल फोन खुले रहे। अन्यथा सब सदस्यों के मोबाइल आउट आॅफ कवरेज या फिर स्विच आॅफ पाए गए। जिला पंचायत सदस्य भूप सिंह ने कहा कि बड़े ही आश्चर्य की बात है कि आज जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह एक साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा कि जब पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद को चौधरी राजेंद्र सिंह के साथ ही आना था तो फिर उन्होंने उनकी भाभी सविता चौधरी के खिलाफ बबलू राणा व नीलू आदि से शिकायतें कराकर उन्हें बर्खास्त क्यों कराया। उन्होंने कहा कि भले ही चौधरी राजेन्द्र सिंह ने पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद का साथ स्वीकार कर लिया हो। लेकिन उनके साथ जो जिला पंचायत सदस्य थे। उनमें से अधिकतर ने चौधरी का इसीलिए साथ छोड़ा है ।क्योंकि उन्होंने पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद को जो साथ लिया है। उन्होंने कहा है कि पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत चौधरी राजेंद्र सिंह को अपने राजनीतिक जाल में फंसा लिया है। जो उनके लिए किसी भी दृष्टि से हितकारी नहीं रहेगा। भूप सिंह ने कहा कि यदि पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद चौधरी राजेंद्र सिंह के इतने ही हमदर्द थे तो उन्होंने कोटवाल आलमपुर जिला पंचायत सदस्य के उप चुनाव के परिणाम आने से पहले ही मुख्यमंत्री के समर्थकों से कहकर जिला पंचायत अध्यक्ष का उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया कराया। उन्होंने कहा कि फोन रखा जी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह के बीच जुगलबंदी काफी समय से चल रही थी । इसीलिए उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक के द्वारा बुलाई गई बोर्ड की बैठक को सफल नहीं होने दिया। वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत सदस्य जयंत चौहान ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर मैदान में होता तो निश्चित रूप से आज नतीजे बहुजन समाज पार्टी के हक में होते। लेकिन एक रणनीति के तहत मीनाक्षी चौधरी का पर्चा वापस करा दिया गया। मीनाक्षी चौधरी का पर्चा वापस कराने के पीछे हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह की एक सोची समझी रणनीति रही है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी के समर्थित जिला पंचायत सदस्य इन नेताओं की चाल को समझ गए और इसीलिए सभी ने अपने विवेक से समर्थन देने का निर्णय लिया है।

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