पशुपालकों के लिए खुशखबरी, देश की सभी पंचायतों में डेयरी खोलेगी सरकार
पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक लोकप्रिय व्यवसाय के रूप में उभर कर सामने आया है. किसानों की आय में इजाफा करने में इस क्षेत्र का योगदान बेहद अहम साबित हो रहा है. यही वजह है कि सरकार किसानों को डेयरी व्यवसाय की तरफ रूख करने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. किसानों को डेयरी खोलने के लिए सरकार आर्थिक सहायता भी देती है. अब केंद्र सरकार देश की हर पंचायत में डेयरी खोलने की योजना बना रही है.
किसानों के लिए समृद्धि का साधन बन सकती है डेयरी
सिक्किम में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि डेयरी को किसान की समृद्धि का साधन बनाया जा सकता है. इसकी व्यवस्था कोआपरेटिव होनी चाहिए. इससे किसानों के बीच से गरीबी को हटाया जा सकता है. इसीलिए केंद्र सरकार ने अगले 5 सालों में देश की हर पंचायत में डेयरी बनाने का फैसला लिया है.
डेयरी एक्सपोर्ट से मिलने वाला मुनाफा किसानों को दिया जाएगा
अमित शाह ने आगे कहा कि 70 फीसदी दूध असंगठित तरीके से मार्केट में जाता है. ये हमारी मजबूरी है. हमें अपनी सहकारिता इतना मजबूत करनी है ताकि विदेशी कंपनियां यहां आ न सकें. दुग्ध उत्पादन में नार्थ ईस्ट की हिस्सेदारी अभी 12 फीसदी है. इसको बढ़ाकर हमें 20 फीसदी तक पहुंचाना है. विश्व में भारत के डेयरी उत्पादों के एक्सपोर्ट पर होने वाले मुनाफे का हिस्सा किसानों को भी दिया जाएगा.
NABARD देता है डेयरी खोलने के इच्छुक किसानों को सब्सिडी
नाबार्ड डेयरी फार्म खोलने को इच्छुक किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी देता है. वहीं एसटी/एससी किसानों को इसी काम के लिए 33.33 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. नाबार्ड की इस योजना के किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां आवेदन कर सकती हैं.
सरकार के नियमों के मुताबिक इस योजना का लाभ एक ही परिवार से एक से अधिक व्यक्ति उठा सकते हैं. हालांकि शर्त ये है अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करेंगे. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए पशुपालक स्टार्टअप इंडिया और नाबार्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.