कुंभ मेला सनातन धर्म की मुख्य धरोहर: सत्यगिरी महाराज, अपर मेला अधिकारी बोले, भव्य और दिव्य होगा कुंभ मेला
हरिद्वार । श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा है कि संत परंपरा से भारतीय संस्कृति की पहचान है और कुंभ मेला सनातन धर्म की मुख्य धरोहर है। जो भारतीय संस्कृति के स्वरूप को विदेशों में भी अनोखे रूप में प्रस्तुत करता है। भूपतवाला स्थित श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े के भूमि पूजन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ मेले के स्वरूप से विदेशी लोग भी प्रभावित होकर सनातन धर्म को अपना रहे हैं। अगले वर्ष हरिद्वार में गंगा तट पर होने वाले कुंभ मेले में देश दुनिया से आने वाले संत समुदाय के सानिध्य में भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की अनुपम व अलोकिक छठा पूरे विश्व को प्रभावित करेगी। उन्होंने बताया कि कुंभ मेले में आने वाले संत महापुरूषों व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अखाड़े के नए भवन निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया है। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि कुंभ मेले जैसे विशाल आयोजन को सबके सहयोग से ही भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराया जा सकता है। कुंभ को भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराने में संत समाज की पहल व सहयोग प्रशंसनीय है। मेला प्रशासन अपनी ओर से संतों व श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए दिन रात काम कर रहा हैं। धर्मनगरी में प्रतिवर्ष आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को आवास सुविधा उपलब्ध कराने में संत समाज हमेशा अहम भूमिका निभाता है। कुंभ में भी संत समाज अपनी ओर से सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में आह्वान अखाड़े द्वारा भवन निर्माण हेतु भूमि पूजन कराया गया है। भवन निर्माण होने पर कुंभ के अलावा भी वर्ष भर गंगा स्नान व अन्य धार्मिक कार्यो के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को आवास सुविधा मिल सकेगी। इस दौरान आह्वान अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत नीलकंठ गिरी, थानापति महंत शंकरपुरी, महंत रवि गिरी, महंत गोपाल गिरी, महंत कर्ण गिरी, स्वामी जगदीशानंद गिरी, राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।