अधिक उत्पादकता को उन्नत प्रजातियों का चयन महत्वपूर्ण
रुड़की । ग्राम धमात ( सिकंदरपुर )में गन्ना किसान संस्थान काशीपुर के तत्वाधान में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सहायक निदेशक गन्ना किसान संस्थान उत्तराखंड डॉ रजनीश सिंह ने गोष्ठी का शुभारंभ किया ’ सीडीआई लक्सर बीके चौधरी द्वारा संचालित गोष्ठी में जनपद में चलाई जा रही विभिन्न गन्ना विभाग की योजनाओं तथा वर्तमान में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान के बारे में जानकारी दी गई। इसमें बताया गया है कि पाले से बचाव के लिए खड़ी फसल में जरूरत के अनुसार सिंचाई करें। शरदकालीन (जाड़े के दिनों में) गन्ने के साथ ली गई विभिन्न अन्तह फसलों जैसे सरसों, तोरिया, मसूर, आलू, धनिया, लहसुन, मैथी, गेंदा प्याज तथा गेहू आदि जरूरत के अनुसार निराई, गुड़ाई , कीट प्रबंधन एवं संतुलित उर्वेरको का प्रयोग करें।बसंतकालीन बुवाई की तैयारी शुरू कर दें इस हेतु म्रदा परिक्षण कराकर ही उर्वरको का प्रयोग करें।गोष्ठी में वैज्ञानिक अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने गन्ने की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा शीघ्र जातियों के क्षेत्रफल में वृद्धि के लिए विशेष रूप से प्रकाश डाला । वैज्ञानिक अधिकारी मलिक द्वारा गन्ने में लगने वाले रोग कीट आदि की जानकारी तथा लोगों को उनकी फसल में लगने वाली लोकगीत संबंधी समाधान के लिए विभिन्न दवाइयों एवं जैविक उपचार के बारे में जानकारी दी । बताया गया है कि अधिक उत्पादकता एवं लाभ प्राप्त करने हेतु उन्नत प्रजातियों का चयन महत्वपूर्ण है। गन्ने की संस्तुत प्रजातियों में अगेती (10 माह) तथा मध्य पछेती (11 झ्र 12 माह में पकने वाली) का चयन कृषकों को उपज एवं गुणवत्ता के आधार पर करना होता है। गोष्ठी में मुख्य रूप से मनोज कुमार धारीवाल गन्ना पर्यवेक्षक, देवेंद्र कुमार गन्ना पर्यवेक्षक, राहुल कुमार प्रतिनिधि चीनी मिल, सुनील कुमार गन्ना पर्यवेक्षक तथा कृषक कर्णपाल,लीलू सिंह पितांबर, मांगेराम, ब्रजपाल, राजपाल जागर सिंह, मांगेराम , मिथुन, मेनपाल सिह, समय सिंह ,विपिन सिंह श्री महेंद्र सिंह , जसवंत सिंह ,कर्म सिंह,लेखराज, राजेंद्र सिंह ,भरत सिंह, धर्मवीर सिंह, दीपक कुमार ,सागर कुमार आदि उपस्थित रहे।