राजस्थान की कामधेनु है ये गाय, हर रोज देती है 7-12 लीटर दूध, जानिए किमत और पहचान

देशी नस्ल के गायों में राठी नस्ल की गाय एक महत्वपूर्ण दुधारू नस्ल है। यह नस्ल देश के किसी भी क्षेत्र में रह लेती है। राठी गाय को ‘राजस्थान की कामधेनु’ भी कहते हैं। वहीं, राठी नस्ल की गायें प्रतिदन लगभग 7 से 12 लीटर तक दूध देती हैं। जबकि अच्छी देखभाल और खानपान होने पर 18 लीटर तक दूध देते हुए भी देखा गया है. इसके अलावा, राठी नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं। इस नस्ल के बैल ज्यादा तापमान में भी लगातार 10 घंटे तक काम कर लेते हैं। वहीं राठी नस्ल की गायें ज्यादातर राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर में पाली जाती हैं। मालूम हो कि, गुजरात में भी भारी संख्या में राठी गायें पाली जाती हैं। इसके अलावा, राठी नस्ल की गायें भूरे रंग के होती हैं और शरीर पर सफेद धब्बा पाया जाता है। हालांकि, पूरी तरह से भूरे रंग के या सफेद धब्बों के साथ काले रंग के भी पाई जाती हैं। शरीर के निचले हिस्सों का रंग आमतौर पर शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में हल्का होता है। वहीं राठी गाय सालाना औसतन 1560 किलो दूध का उत्पादन करती है। एक ब्यांत में दूध उत्पादन की क्षमता 1062 से 2810 लीटर तक होता है।

राठी गाय की विशेषताएं और पहचान

• राठी गाय की ऊंचाई लगभग 114.92 सेमी होती है.
• त्वचा भूरा, सफेद या काला व सफेद रंगों का मिश्रण होता है.
• सींग बाहर, ऊपर और अंदर की ओर मुड़े हुए होते हैं. सींग छोटे से मध्यम आकार के होते हैं.
• इनका चेहरा आंखों के बीच चौड़ा और थोड़ा झुका हुआ होता है.
• वयस्क राठी गाय का वजन लगभग 280 – 300 किलोग्राम होता है.
• इस नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं.
• राठी नस्ल की गायों के लिए हल्की शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है.
• राठी गायें एक ब्यान्त में औसतन 1560 लीटर तक दूध का उत्पादन करती हैं.
• प्रतिदन लगभग 8 से 12 लीटर तक दूध देती हैं.

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