भगवान श्रीराम के आदर्श हमारे जीवन में आज भी प्रासंगिक: रचित अग्रवाल, बीटी गंज रुड़की की रामलीला में कुंभकरण वध व मेघनाथ वध की लीला का हुआ मंचन
रुड़की / भगवानपुर । बीटी गंज स्थित रामलीला भवन में रविवार को कुंभकरण वध व मेघनाथ वध आदि का सुंदर मंचन किया गया। रामलीला में भाजपा नेता रचित अग्रवाल शिरकत कर रामलीला का लुफ्त उठाया। उनका रामलीला कमेटी की ओर से जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने रामलीला देखने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह रामलीला युवाओं को इस मंच से जोड़कर उनमे जो संस्कार पैदा कर रही है यह बहुत ही सराहनीय है। कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्श हमारे जीवन में आज भी प्रासंगिक हैं। भगवान श्रीराम ने समाज को सामाजिक समरसता का संदेश दिया। देश व प्रदेश में रामराज्य की परिकल्पना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी कार्य कर रहे हैं।
मंच पर जैसे ही लक्ष्मण की मूर्छा टूटने का समाचार रावण के दरबार में आया तो रावण बहुत क्रोधित हुए और उसका वध करने के लिए अपने भाई कुंभकरण के पास गए। छह महीनों से गहरी नींद में सोये कुंभकरण को नींद से उठाया जाता है। इसके बाद रावण कुंभकरण को राम से युद्ध करने की बात कहते है। इस बीच रावण व कुंभकरण के बीच बड़े ही मार्मिक संवाद होते है। कुल की शान रखने के लिए कुंभकरण युद्ध में जाता है और भगवान राम के हाथों उसका वध हो जाता है। इसके बाद रावण पुन: मेघनाथ को युद्ध में भेजते है और इससे पहले मेघनाथ अपनी कुल देवी की पूजा करने जाता है। यह सूचना जब भगवान राम के पास पहुंचती है तो वे लक्ष्मण व हनुमान जी को वहां भेजते है और मेघनाथ के हवन को सफल नहीं होने देते। इससे गुस्से में आए मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच भंयकर युद्ध होता है और मेघनाथ भी मारा जाता है। इसके बाद अहीरावण को भेजा जाता है जो राम-लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताल में ले जाता है और चंडी की भेंट चढ़ाने को तैयार हो जाता है इतने में वहां हनुमानजी पहुंचते है और अहीरावण का वध कर राम-लक्ष्मण को उसकी कैद से ले आते है। यही रामलीला को विराम दिया जाता है। इस मौके पर मनोज अग्रवाल, राकेश गर्ग, सौरभ सिंगल, शिवम अग्रवाल आदि मौजूद रहे।