जिलाधिकारी के कड़े रुख से मिल प्रबंधन में हड़कंप, चीनी और शीरे की बिक्री पर लगाई गई है रोक

रुड़की । जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी के कड़े रुख से इकबालपुर चीनी मिल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल जिलाधिकारी ने मंगलवार की देर शाम इकबालपुर चीनी मिल के शीरे और चीनी की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि अब चीनी मिल प्रबंधन उधार में पेरे जा रहे गन्ने से उत्पादित शीरे और चीनी को बेचकर पैसा अपने निजी कार्यों में नहीं लगा पाएगा। उसे जिला प्रशासन की निगरानी में ही चीनी और शीरा बेचना होगा और उससे जो अभी पैसा आएगा वह भुगतान के रूप में किसानों को देना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने सहायक गन्ना आयुक्त, हरिद्वार को निर्देशित किया है कि चीनी मिल इकबालपुर से चीनी और शीरा बिकी एवं विकास पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुये पेराई सत्र 2019-20 में उत्पादित चीनी एवं शीरे की बिक्री से प्राप्त धनराशि के 85 प्रतिशत को पृथक से 2019-20 के चीनी विक्रय हेतु एसको खाता स्वयं एवं चीनी मिल के वित्तीय प्रमुख के संयुक्त हस्ताक्षर में खुलवावें। उक्त बिक्री से प्राप्त धनराशि को टैगिंग आदेश के अनुसार जमा कराते हुये गन्ना कृषकों को भुगतान कराना सुनिश्चित करायें। टैगिंग आदेश के अनुसार उक्त पृथक खोले गये गन्ना मूल्य खाते से 77 प्रतिशत कृषकों के गन्ना मूल्य भुगतान की मद में 2 प्रतिशत समिति कमीशन तथा 6 प्रतिशत गन्ना ट्रांसपोर्ट के मद में कराना सुनिश्चित करें। चीनी शीरे की बिक्री एवं निकासी हेतु अपने प्रतिनिधि को इस निर्देश के साथ नियुक्त करें कि वह बिक्री की समस्त धनराशि पृथक से खोले गये एसको खाते में जमा होने के उपरान्त ही निकासी सुनिश्चित करें उपरोक्त आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन करायें मिल प्रबन्धन द्वारा यदि उक्त आदेश के अनुपालन में सहयोग नहीं किया जाता है तो इनके सम्बन्धित वित्तीय प्रमुख एवं शुगर सेल्स इंचार्ज एवं प्रबन्धन मंडल के विरूद्ध उत्तराखण्ड गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम
1953 की धारा 17 (1) (2), (3), धारा 18 उ प्र गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली 1954 के
नियम 45 एवं यूपी वैक्यूम शुगर फै्ट्रीज लाइसेंसिंग आर्डर, के उपबन्ध-8 में वर्णित व्यवस्था के
अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 तथा उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन)
अधिनियम 1953 की धारा-22 के अंतर्गत सम्बन्धित उपरोक्त के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित
करायी जाए। अब जिलाधिकारी के निदेर्शों के बाद चीनी मिल प्रबंधन चालाकी नहीं कर सकता। उसे किसानों का भुगतान करना ही होगा। अब किसानों को थोड़ा लगने लगा है कि चीनी मिल प्रबंधन उनके गन्ने से उत्पादित चीनी और शीरा बेचकर मिल बंद की घोषणा नहीं कर पाएगा। इकबालपुर गन्ना विकास समिति के प्रशासक सुशील चौधरी ने जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए निदेर्शों को किसान हित में बताया है उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था और सख्त निगरानी पहले से ही शुरू हो जानी चाहिए थी। इकबालपुर गन्ना विकास समिति के प्रशासक ने कहा है कि चीनी मिल प्रबंधन किसानों का समय पर भुगतान करता रहे तो ऐसे में किसानों को गन्ना आपूर्ति करने में कोई किसी तरह की दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि गन्ने का रुका भुगतान भी जल्द दिलाने की कोशिश हो रही है।

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