राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की गठित जिला टास्ट फोर्स समिति की बैठक, पोलियो ड्राप पिलाने में लापरवाही ना बरतें अभिभावक
हरिद्वार । 19 जनवरी 2020 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के सफल आयोजन के लिए गठित जिला टास्ट फोर्स समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में प्रभारी जिलाधिकारी श्री विनीत तोमर की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि जनपद में 0-5 वर्ष के समस्त बच्चों को पोलियो ड्राप्स पिलाने के कार्य में अपना पूर्ण सहयोग दें। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान में गत वर्ष में तीन गुना पोलियो केस मिलने पर पल्स पोलियो अभियान की महत्ता और भी बढ़ गयी है क्योंकि पोलियों वायरस जनित संक्रमण होने के कारण पोलियो फैलने वाली बीमारी है। उन्होंने कहा कि जिन केन्द्रों पर 19 जनवरी को पोलियो ड्राप पिलायी जानी है इसलिए सभी आंगनबाड़ी को निर्धारित समय बाद अतिरिक्त समय तक केंद्रो को खुले रखे जाने के निर्देश श्री तोमर ने दिये। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि जिले की 26 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी वाने क्षेत्रों में बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने में माता-पिता व अभिभावक लापरवाही बरत रहे हैं, और कार्मिकों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस विषय को गम्भीरता से लिया जायेगा। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी हरिद्वार को सभी मस्जिदों में नमाज के दौरान राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।एसीएमओ डाॅ अशोक शाक्य ने अवगत कराया कि भारत को पोलियो मुक्त देश होने के बावजूद भी क्यों अभियान निरंतर चलाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वायरस जनित संक्रमण होने के कारण पोलियो फैलने वाली बीमारी है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पिछले वर्ष में पहले की तुलना में तीन गना नये पोलियो के मामले सामने आये हैं जो अन्य सुरक्षित देशों के लिए सतर्कतता बरते हुए अपने देशों में अभियान को गहनता से निरंतर चलाये जाने की बात वल्र्ड हैल्थ आॅर्गेनाइजेशन ने कही है। इन देशों के जो राज्य भारत की सीमा से जुड़े वहीं सबसे ज्यादा बच्चों में लक्षण प्रकट हुए, जिस कारण वायरस के पुनः भारत पहुंचने का खतरा बना हुआ है। जब पड़ोसी देशों से पोलियो नष्ट न होगा तब तक भारत में भी पोलिया ड्राप अभियान चलाया जाना नितांत आवश्यक है। पोलियो अभियान में लापरवाही से वायरस का नागरिकों के आने-जाने के दौरान संक्रमण फेलने का खतरा बढ़ गया है। सभी माता-पिता इस बात को गंभीरता से लें कि पोलियो अभियान की खुराक पिलायी जाये। प्रत्येक बार पांच वर्ष आयु तक उनका बच्चा यह खुराक अवश्य ले। साथ ही कहा कि जो कार्मिक पोलियो ड्राॅप पिलाये गये बच्चों, छूट गये बच्चों के सम्बंध रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देते हैं उसमें संवेदनशीलता व पारदर्शिता बरतें।किसी भी कारण से गलत दी गयी रिपोर्ट का प्रभाव राज्य के आंकड़ों को प्रभावित कर सकती है। गलत रिपोर्ट देने से बचें। अभियान में मुख्य विभागों से सहयोग की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को कि 19 जनवरी को सभी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मिड मील उपलब्ध करायें, जिससे अधिकतम बच्चे विद्यालय बूथ की ओर आकर्षित हों। बड़ी कक्षाओं के बच्चों को बुलावा टोली के रूप में मौहल्लों बस्तियों में बूथ लाने के लिए प्रेरित किया जाये। कवरेज बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग समन्वय के साथ साथ आंगनबाडी़ कार्यकत्रियों का भी पूर्णं सहयोग की आवश्यकता हे। उन्होंने प्रशासन एवं विकास विभाग, अल्पसंखयक विभाग 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाने हेतु मोबलाईजेशन में सहयोग करने तथा वन विभाग वन क्षेत्र में निवास करने वाले गूजर समुदाय के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने में सहयोग करते हुए कहा वन क्षेत्रों में दवा पिलाने वाले कार्यकर्ताओं को वन विभाग के कर्मचारी बस्तियों का रास्ता पहुंचाने कोई कठिनाई होने पर वहंा तक ले जाने में सहयोग करें। पुलिस प्रशासन ट्रांजिट टीमों हेतु पुलिस कर्मियों द्वारा दवा ले जा रहे वाहनों को सहयोग करें। जनपद में तैनात लेखपाल/पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी एव ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों द्वारा भी बच्चों को मोबालाईज करने में सहयोग कवरेज बढ़ाने में बड़ा सहयोग कर सकते हैं।
प्रभारी जिलाधिकारी ने जनपद के नगर निगम क्षेत्रों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पल्स पोलियो अभियान का प्रचार – प्रसार एवं बूथ दिवस के दिन बच्चों को बूथ पर पोलियो की खुराक पिलाने को प्रेरित करने के निर्देश दिए ।