उत्तराखंड में 1 अप्रैल से महंगी होगी बिजली, 4.5 प्रतिशत वृद्धि का दिया प्रस्ताव, आयोग की अंतिम मुहर के बाद कर दिया जाएगा लागू
देहरादून । इस बार बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद कम है। ऊर्जा निगम के विद्युत दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग अंतिम मुहर लगाने की तैयारी में है। ऊर्जा निगम ने कुल 4.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, आयोग ने उपभोक्ताओं पर कम से कम भार डाले जाने का दावा किया है। हर साल एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही बिजली की नई दरें भी लागू हो जाती हैं। इस बार भी ऊर्जा निगम ने बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है, जो कि आयोग की ओर से अंतिम मुहर लगने के बाद लागू कर दिया जाएगा। यूपीसीएल की ओर से नए वित्तीय वर्ष से बिजली की दरों में 4.5 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है। जबकि, यूजेवीएनएल और पिटकुल की ओर से भी अपनी दरों में बढ़ोतरी का टैरिफ दिया गया है। कुल मिलाकर 10.5 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग के पास आया है। इस पर जनसुनवाई भी संपन्न हो चुकी है। कुछ दिन पूर्व देहरादून में हुई जनसुनवाई में उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए उपभोक्ताओं ने ऊर्जा निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए।बिजली कार्मिकों को दी जा रही रियायत और उपभोक्ताओं के ऊपर बिजली दरें बढ़ाकर डाले जा रहे भार पर तीखी आपत्ति जताई गई। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की ओर से आयोजित जन सुनवाई में शहर के उपभोक्ताओं ने अपने-अपने तर्क देकर दरें न बढ़ाने की अपील की। वहीं, ऊर्जा निगम की ओर से दलील देते हुए टैरिफ वृद्धि के प्रस्ताव की जानकारी दी गई। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय में यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड), यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड), पिटकुल (उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड), एसएलडीसी (स्टेट लोड डिस्ट्रिब्यूशन कारपोरेशन) की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर जनता की राय ली गई। साथ ही बिजली निगमों की ओर से प्रस्ताव को लेकर दलीलें पेश की गई थीं। आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि दोनों पक्ष सुनकर टैरिफ पर अंतिम मंथन किया जा रहा है। अगले कुछ दिन में नए टैरिफ की घोषणा कर दी जाएगी।