पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखता है दही, हमेशा दूर रहेगी अपच व कब्ज की समस्या, जानिए खाने का सही समय
दुनिया के कई हिस्सों में दही एक प्रमुख भोजन है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और लाभकारी बैक्टीरिया जैसे कई पोषक तत्वों मौजूद होते हैं, जो इसे हेल्दी डाइट का अहम हिस्सा बनाता है. कुछ लोग इसमें नमक डालकर खाते हैं, जबकि अन्य इसे सादा ही खाते हैं. आजकल तो स्वाद वाले भी आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन उसमें चीनी मिला दी जाती है जो शरीर के लिए ठीक नहीं है. ज्यादातर लोग दही का सेवन दिन के समय में करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो रात के समय इसे खाना पसंद करते हैं. इसने बहुत भ्रम पैदा कर दिया है कि कब किसी व्यक्ति को दही का सेवन करना चाहिए. आज हम आपको दही खाने का सही समय बताएंगे.
दही का सेवन करने का सबसे अच्छा समय दिन के दौरान होता है, खासकर दोपहर में. एक्सपर्ट भी दोपहर के भोजन के साथ दही का सेवन करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह पाचन में मदद करता है और एनर्जी को बूस्ट करता है. दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन में मदद करते हुए एक हेल्दी गट माइक्रोबायोम को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं. वहीं, रात में दही का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और नींद में खलल पड़ सकता है. सोने के पहले ज्यादा भोजन करने से अपच हो सकता है, जिससे बेचैनी और सोने में कठिनाई हो सकती है. यह नींद की गुणवत्ता और पूरी सेहत को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर सकता है.
कब नहीं करना चाहिए दही का सेवन
खाली पेट या सोते समय दही का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और नींद में खलल पड़ सकता है. खाली पेट दही खाने से एसिडिटी और ब्लोटिंग हो सकती है जबकि सोने से पहले दही खाने से अपच और बेचैनी हो सकती है. हालांकि, लोगों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. यही कारण है कि दही का सेवन करने का सबसे अच्छा समय निर्धारित करने के लिए पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है. पोषण विशेषज्ञ आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य लक्ष्यों और डाइट संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर आपको सबसे अच्छा समय बता सकता है.
दही खाने के फायदे
दही में विटामिन बी कम होता है और इसमें जीवाणु होते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए लाभदायक होते हैं.
दही उच्च प्रोटीन होता है, जो वजन घटाने में सहायता करता है.
दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देते हैं.
दही गाय के दूध से भी आसानी से पाचन होता है। इसलिए वे लोग जो लैक्टोज इंटॉलरेंस होते हैं, दही का सेवन कर सकते हैं.