मां के इस मंदिर में एक बार जाने से मिल जाती है सातजन्मों के पापों से मुक्ति, टिहरी के जौनुपर पट्टी में सुरकुट पर्वत पर स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी का मंदिर

देवभूमि स्थित मां के इस मंदिर में एक बार जाने से सातजन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। पंडित ओमप्रकाश सती ने बताया कि सुरकंडा देवी मंदिर के बारे यह मान्यता बेहद प्रचलित है। जिस कारण मंदिर में रोजाना भक्तों का तांता लगा रहता है। उन्होंने बताया कि सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी का मंदिर टिहरी के जौनुपर पट्टी में सुरकुट पर्वत पर स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब राजा दक्ष ने कनखल में यज्ञ का आयोजन किया तो उसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया। शिवजी के मना करने पर भी सती यज्ञ में पहुंच गईं। वहां सती और भगवान शिव का अपमान किया गया। जिसके बाद माता सती यज्ञ कुंड में कूद गईं। इसके बाद भगवान शिव रौद्र रूप में आ गए। वह सती का शव त्रिशूल में टांगकर आकाश भ्रमण करने लगे। इस दौरान सती का सिर सुरकुट पर्वत पर गिरा। तभी से ये स्थान सुरकंडा देवी सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। पंडित सती ने बताया कि इसका उल्लेख केदारखंड व स्कंद पुराण में मिलता है। सुरकंडा मंदिर में गंगा दशहरा के मौके पर देवी के दर्शनों का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस समय जो देवी के दर्शन करता है। उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मां के दरबार से बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ, चौखंबा, गौरीशंकर, नीलकंठ आदि सहित कई पर्वत श्रृखलाएं दिखाई देती हैं। मां सुरकंडा देवी के कपाट साल भर खुले रहते हैं।

पर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे पर फॉलो करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *